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संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई! sant Ravidas janty

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा 

प्रभु प्रेमियों ! आप लोगों को पता है कि 24 फरवरी 2024 ई. को संत रविदास जी महाराज की पावन जयंती है। इसी दिन पवित्र नदी में स्नान और उसके बाद दान करने का विशेष महत्वपूर्ण पर्व माघी पूर्णिमा  भी है। 

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  विविध रूप में संत रविदास
विविध रूप में संत रविदास

क्या करते हैं इस अवसर पर

इस अवसर पर सभी रविदास प्रेमी भक्त एवं संतमत सत्संगी समाज गंगा नदी एवं पुण्य स्थानों में पवित्र स्नान करते हुए संत रविदास जी महाराज को पुष्पांजलि करते हैं और उनके उपदेशों को सुन, सुनाकर स्मरण करके उनके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम निवेदित करते हैं।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  संत रविदास के विविध रूप को देखते हुए महर्षि मेंही
संत रविदास के विविध रूप को देखते हुए महर्षि मेंही

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान 

प्रभु प्रेमियों ! संत रविदास जी महाराज के उन कृतियों को स्मरण करें या जानें जिनके कारण रविदास प्रेमी प्रत्येक भारतीय और  संत समाज सदा उनका आभारी रहेंगा। इस अवसर पर स्नान दान का क्या महत्व है? उसे भी जानेंगे । इस विशेष पर्व को सांप्रदायिक सद्भाव, आपसी भाईचारा युक्त  कैसे मनाएंगे इसको भी जानेंगे या समझेंगे।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  संत रविदास जयंती की बधाइयां
संत रविदास जयंती की बधाइयां


संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा कब है?
संत रविदास जयंती भारतीय कैलेंडर के अनुसार माघ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस बार यह दिन रविवार, 9 फरवरी 2020 ई. को है। इसी दिन माघी पूर्णिमां भी है।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  माघी पूर्णिमा और संत रविदास
माघी पूर्णिमा और संत रविदास

माघी पूर्णिमा का महत्व
माघ मास की अंतिम तिथि को माघी पूर्णिमां कहा जाता है। माघ की प्रत्येक तिथि पुण्यपर्व है। उनमें भी पूर्णिमां को विशेष महत्व दिया गया है। साल भर में जितनी भी पूर्णिमां होती हैं, उनमें माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि इस दिन विधि विधान से पूजा करने और दान आदि करने से मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  संतों की दृष्टि में माघी पूर्णिमा
संतों की दृष्टि में माघी पूर्णिमा

माघी मेला और दान पुण्य
माघ मास की पूर्णिमां को तीर्थस्थलों में स्नान दानादि करना अक्षय फलदायी होता है। तीर्थराज प्रयाग में इस पूरे माह में माघ मेला का आयोजन होता है और यहां प्रत्येक दिन स्नान, दान, गोदान एवं यज्ञ का विशेष महत्त्व होता है। इसका व्रत-त्योहारों में भी काफी महत्व है। माघी पूर्णिमां माघ मास का आखिरी दिन है। इसके अगले दिन से फाल्गुन मास शुरू हो जाता है।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  माघ मेला में गंगा का दृश्य
माघी मेला में गंगा का दृश्य

स्नान दान की विधि विधान

माघी पूर्णिमां पर कैसे करें ? संत रविदास या  अपने इष्ट की पूजा अर्चना-
* माघी पूर्णिमां पर सुबह के समय किसी पवित्र नदी (गंगा, यमुना, नर्मदा या दो नदियों के संगम तीर्थ पर), सरोवर या स्नान करने के अन्य स्थानों पर अपने इष्ट गुरु का मंत्र जाप करते हुए स्नान करके साफ कपड़े पहनें। 

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  मां के मेला में गंगा स्नान करते श्रद्धालु
माघी मेला में गंगा स्नान करते श्रद्धालु

* स्नान के बाद सूर्य को अथवा अपने इष्ट को स्मरण करते हुए अर्घ्य दें और प्रणाम करें।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  स्नान के बाद पूजा आरती करते श्रद्धालु
स्नान के बाद पूजा आरती करते श्रद्धालु

* घर पर अपने इष्ट या भगवान् की फोटो एक पीला कपड़ा या अन्य पवित्र कपड़ा बिछाकर उस पर स्थापित करें.

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  ईस्ट गुरु को सिंघासना रूढ़ करना
ईस्ट गुरु का सिंघासना  रूढ़ करना

* रोली, मौली, चावल, धूप, दीप, पीले फल, पीले फूल, केले, मिष्ठान या अन्य पूजनीय सामग्री आदि से पूजन करें और मन की इच्छा जरूर भगवान या अपने इष्ट के सामने मन ही मन दोहराएं।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  संसार सागर से पार होने की प्रार्थना
संसार सागर से पार करने की प्रार्थना

* दोपहर के समय जरूरतमंद लोगों को और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा जरूर दें।
* दान में सफेद और काले तिल के साथ दान लेने वाले के अति आवश्यक जरूरी चीजों को ध्यान में रखते हुए दान करें। 

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  जरूरतमंदों को दान
जरूरतमंदों को दान

* माघ माह में काले तिल से हवन करें और पितरों का तर्पण जरूर करना चाहिए। हवन नहीं कर सकने की स्थिति में हवन का मानसिक रूप से मन-ही-मन स्मरण करें या मानस हवन तर्पणादि करें।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  पूजा पाठ के विविध रूप
पूजा पाठ के विविध रूप

पूजा का फल और महत्व

उपर्युक्त विधि-विधान से पूजा-अर्चना, तर्पण आदि करने से इष्ट प्रसन्न रहते हैं। शरीर स्वस्थ रहता है। हर काम को प्रसन्नता पूर्वक कर सकने की क्षमता आती हैं । आपसी भाईचारा सद्भाव बना रहता है और समय अच्छे कार्यों में बीत जाता है।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  शुभ आशीर्वाद देते हुए सतगुरु रविदास
शुभ आशीर्वाद देते हुए सतगुरु रविदास

संत रविदास जी का जन्म और परिवार

गुरू रविदास (रैदास) का जन्म काशी में माघ पूर्णिमां, दिन रविवार को संवत 1388 को हुआ था।उनके जन्म के बारे में एक दोहा प्रचलित है ।
"चौदह से तैंतीस कि माघ सुदी पन्दरास । दुखियों के कल्याण हित प्रगटे श्री रविदास।" उनके आदरणीय पिताजी का नाम राहू दास तथा माता का नाम करमा बाई है। उनकी पत्नी का नाम लोना बताया जाता है।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  कमलासन पर बैठे गुरु रविदास
कमलासन पर बैठे गुरु रविदास

इनके जीवन की महत्वपूर्ण घटना

उनके जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं से समय तथा वचन-पालन सम्बन्धी उनके गुणों का पता चलता है। एक बार एक पर्व के अवसर पर पड़ोस के लोग गंगा-स्नान के लिए जा रहे थे। रैदास प्रेमियों में से एक ने संत रविदास से भी चलने का आग्रह किया।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  गंगा मां के स्मरण में लीन गुरु रविदास
गंगा मां के स्मरण में लीन गुरु रविदास

तो वे बोले- "गंगा-स्नान के लिए मैं अवश्य चलता किन्तु ! गंगा स्नान के लिए जाने पर मन यहाँ लगा रहेगा। क्योंकि ग्राहक का काम पूरा नहीं हुआ है। तो पुण्य कैसे प्राप्त होगा ? मन जो काम करने के लिए अन्त:करण से तैयार हो, वही काम करना उचित है। मन सही है तो इस कठौते के जल में ही गंगास्नान का पुण्य प्राप्त हो सकता है।" यह कहते हुए संत रविदास जी महाराज ने कुछ पैसे उस भक्तों को दिए और कहा कि इसे हमारी तरफ से गंगा माता को भेंट कर देंगे। 

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  गुरु रविदास के विविध रूप
गुरु रविदास के विविध रूप

गंगा माता को पैसे भेंट करने के बाद गंगा मां प्रकट होकर रविदास के लिए एक कंगन दीं। वह कंगन लालच के कारण उस भक्त ने राजा के पास भेज दिया। राजा की पत्नी ने उसका जोड़ा लगाने के लिए कहा। तो बात फिर रविदास जी के पास आई और रविदास जी महाराज ने गंगा मां को स्मरण करके उसी कठौती के जल से दूसरा कंगन निकाल कर दे दिया। इस घटना के बाद ही यह कहावत प्रचलित हो गयी कि - 'मन चंगा तो कठौती में गंगा।'

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  प्रसन्न मुद्रा में रविदास जी महाराज
प्रसन्न मुद्रा में रविदास जी महाराज

संत रविदास की जीवनी

संत रविदास साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किये थे। ये जूते बनाने का काम किया करते थे। यही उनका व्यवसाय था। ये अपनी काम पूरी लगन तथा परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  संत दर्शन और रविदास जी महाराज
संत दर्शन और रविदास जी महाराज

आज भी सन्त रैदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने आचरण तथा व्यवहार से यह प्रमाणित कर दिया है कि मनुष्य अपने जन्म तथा व्यवसाय के आधार पर महान् नहीं होता। वल्कि विचारों की श्रेष्ठता, समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य तथा सद्व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सन्त रैदास को अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान मिला और इसी कारण आज भी लोग इन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  भक्तवत्सल रविदास जी महाराज
भक्तवत्सल रविदास जी महाराज

संत रविदास जी के उपदेश

जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात।
रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  दोहा के रूप में उपदेश करते रविदास जी
दोहा के रूप में उपदेश करते रविदास जी

प्रसिद्ध भजन

अब कैसे छूटे राम नाम रट लागी।
प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी, जाकी अँग-अँग बास समानी॥
प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवत चंद चकोरा॥
प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती॥
प्रभु जी, तुम मोती, हम धागा जैसे सोनहिं मिलत सोहागा॥
प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै ‘रैदासा’॥

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  अपनी वाणी का उच्चारण करते सतगुरु रविदास
अपनी वाणी का उच्चारण करते सतगुरु रविदास

महर्षि मेंहीं और संत रैदास जी

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज  अपने स्वस्थ्य जीवन में गंगा स्नान बराबर किया करते थे। इस संबंध में उनके कई संस्मरण प्रकाशित हैं। मनिहारी आश्रम के ध्यान अभ्यास के समय गुरुदेव प्रायः गंगा स्नान किया करते थे।
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज संत रविदास जी महाराज की स्तुति करते हुए कहते हैं- "गोस्वामी श्री तुलसीदास जी, तुलसी साहब उपकारी। दादू, सुंदर, सूर स्वपच, रवि (रविदास), जगजीवन पलटू भयहारी। सब संतन की बड़ी बलिहारी।"

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  सद्गुरु महर्षि मेंही के शब्दों में रविदास जी महाराज
सद्गुरु महर्षि मेंही के शब्दों में सतगुरु रविदास

पूजा-पाठ, जप-तप और सद्भाव

प्रभु प्रेमियों ! आजकल सभी लोगों की इच्छा रहती है कि कम-से-कम परिश्रम में कम-से-कम खर्च में ज्यादा-से-ज्यादा लाभ लिया जाए। अगर आप भी उपर्युक्त विचार से प्रभावित हैं, तो गुरु महाराज इस अवसर पर पूरे माघ मास में ध्यानाभ्यास का कार्यक्रम रखते थे और रोजाना गंगा स्नान करते हुए नियम पूर्वक ध्यान अभ्यास करते थे । इसका इसका कारण शास्त्रोक्त निम्नलिखित श्लोक है-  

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  सद्गुरु महर्षि मेंही द्वारा रविदास सम्मान
सद्गुरु  महर्षि मेंहीं द्वारा रविदास सम्मान

"पूजा कोटि समं स्त्रोत्रं, स्तोत्रं कोटि समं जप:। जाप कोटि समं लय:।" यहां लय: से मतलब है- मन को लय कर देना, मनके अस्तित्व को समाप्त कर देना अथवा ईश्वर में अपने आप को बिलिन कर देना। मन को ईश्वर में विलीन करना ध्यानाभ्यास के द्वारा ही होता है। ध्यानाभ्यास करने की युक्ति किसी सच्चे गुरु से प्राप्त करनी चाहिए।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  जप-तप, पूजा-पाठ की महिमा।
जप-तप पूजा-पाठ का महिमा 

आपसी सद्भाव के लिए आवश्यक

आपको बता दें कि इन्हीं शास्त्र वचनों के कारण हमारे गुरु-स्थान "महर्षि मेंहीं आश्रम, कुप्पाघाट, भागलपुर-3, बिहार (भारत) में प्रत्येक वर्ष विश्वकर्मा पूजा के दिन स्पेशल सत्संग का कार्यक्रम रखा जाता है। प्रत्येक सत्संग प्रेमी हर एक व्रत-त्योहार के अवसर पर ध्यानाभ्यास और सत्संग का आयोजन किसी-न-किसी रूप में करते हैं।

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  सतगुरु रविदास जी महाराज की विदाई
सतगुरु रविदास जी महाराज की विदाई

*  संतगुरु रविदास जी महाराज की जयंती एवं माघी पूर्णिमा की सभी गुरु भाइयों एवं प्रभु प्रेमियों को लख-लख बधाई !!!

संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  संतो के मध्य गुरु रविदास जी
संतो के मध्य गुरु रविदास जी

*  सतगुरु महाराज के चरणों में शत-शत नमन करते हुए हम आप लोगों से विदा चाहते हैं और निवेदन करते हैं कि इसी तरह के महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे इस ब्लॉग का  सदस्य बने अपने इष्ट मित्रों को भी इस बारे में बतावें। हमारे आने वाला पोस्ट को अवश्य पढ़ें। जिसमें स्वामी दयानंद जी महाराज के बारे में चर्चा किया जाएगा। जय गुरु महाराज।
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आप सभी का जिमेदारी है
24 फरवरी तक ये सभी
के फ़ोन में पहुंच जाना चाहिए





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संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई! sant Ravidas janty संत रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा स्नान, ध्यान की हार्दिक बधाई!  sant Ravidas janty Reviewed by सत्संग ध्यान on 6:10 pm Rating: 5

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