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पूज्यपाद संत शाही स्वामी जी महाराज || Pujyapad Sant Shahi Swami Ji Maharaj

 पूज्यपाद संत शाही स्वामी जी महाराज

     पूज्यपाद संत शाही स्वामी जी महाराज संतमत-सत्संग में वह नाम है, जिनके पीछे हजारों नहीं, बल्कि लाखों भक्तों के हृदय जुड़े हुए हैं। आपको संत सद्गुरु महर्षि मेंँहींँ परमहंस जी महाराज ने किसी प्रसंगवश अपना हृदय कहने की कृपा की थी। उनका सीधा और सरल वाक्य था, " शाही स्वामी जी मेरे हृदय हैं।"

Pujyapad Sant Shahi Swami Ji Maharaj
Pujyapad Sant Shahi Swami Ji Maharaj


          आपका जन्म उत्तर प्रदेश के देवरिया जिलांतर्गत छोटी गंडक नदी के पावन तटवर्ती गाँव नौतन में हुआ था, जहाँ की  बहुसंख्यक आवादी विशेन क्षत्रियों की है। प्राकृतिक साजो सज्जा से सुसज्जित और रमणीय यह  गाँव सुसभ्य और सुसंस्कृत लोगों का आश्रय-स्थल बना हुआ है। वैसे तो गाँव के अंदर विभिन्न तबके के लोग निवास करते हैं, परन्तु उनमें आपसी सौहार्द चरम पर है। इन क्षत्रिय वर्ग के लोगों की उपाधि यहाँ पर 'शाही' है। हमारे गुरुदेव ने आपके संन्यास के समय आपका नामकरण भी इसी उपनाम को केन्द्र में रखकर किया था। तभी से आप 'शाही स्वामी' के नाम से प्रसिद्ध हुए।

भक्तों सहित Pujyapad Sant Shahi Swami Ji Maharaj
 Shahi Swami Ji Maharaj

    1946 ई० को आज ही की तिथि 23 फरवरी को आपने अपने अनन्य संन्यासी साथी पूज्य रामलगन बाबा के साथ मिलकर भागलपुर नगर स्थित परवत्ती सत्संग भवन में महर्षि मेँहीँ से दीक्षा ग्रहण की थी। अपने जीवन काल में आपने संतमत की सर्वोत्कृष्ट साधना दृष्टि-साधन और नादानुसंधान को संवल बनाकर मानव जीवन के अंतिम प्राप्तव्य मोक्ष पद को प्राप्त कर लिया था। भौतिक शिक्षा तो आपकी मात्र चतुर्थ वर्ग तक ही हो पायी थी, परन्तु आध्यात्मिकता में आपकी उपाधि अतुलनीय थी। आपके जीवन काल में ही आपके द्वारा अनेक कृति-स्तंभ स्थापित हुए थे, जिन्हें शब्दों में उकेरा नहीं जा सकता। मुझे भी आपके जीवन और साधना से संबंधित 'संत शाही स्वामी : व्यक्तित्व और उनकी साहित्य-साधना' विषय पर शोध-प्रबंध लिखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। आपके द्वारा विभिन्न समय और स्थानों पर दिए गए प्रवचनों से कई गद्य साहित्य तथा साधना-जनित अनुभूति के संवेग से सृजित विभिन्न गेय पद्यों को संगृहीत कर 'शाही स्वामी भजनावली' का प्रकाशन संस्था के द्वारा कराए गए हैं।

           आपके जीवनादर्श मानव मात्र के लिए अनुकरणीय और श्लाघ्य हैं। धन्य हैं आप और धन्य है आप जैसे गुरु-भक्तों की अनुपम जीवन-लीला! 

                                                  _परमानन्द साहब। 

                                                  23 फरवरी 2024 ई. 


पूज्यपाद संत शाही स्वामी जी महाराज || Pujyapad Sant Shahi Swami Ji Maharaj पूज्यपाद संत शाही स्वामी जी महाराज  ||  Pujyapad Sant Shahi Swami Ji Maharaj Reviewed by सत्संग ध्यान on 6:30 am Rating: 5

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