अगस्त 2023 ई. के सत्संग कार्यक्रम कार्यक्रम
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के प्रचारकों के अगस्त माह 2023 ई. में होने वाले निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्यक्रम की जानकारी प्राप्त हुई है-
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15 अगस्त का सत्संग कार्यक्रम |
अगस्त 2023 ई. के सत्संग कार्यक्रम |
Swami Satyaprakaash |
12 और 13 अगस्त को सत्संग होगा
प्र वाचन कर्ता-:Swarupaa nand ji maharaj ,कुप्पा घाट आश्रम
शनिवार और रवि वार
स्थान--:सूर्य नगर,लखनऊ ,548/151/12,
Sanjeev Chaurasia and Reena Chaurasia,
मोबाइल नंबर--::9935798280
Lucknow
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बिहार का सुप्रसिद्ध मलमास मेला राजगीर में प्रारंभ हो गया है। यह मेला 18 जुलाई 2023 ई० से 16 अगस्त 2023 ई० तक चलेगा, जिसमें तीन प्रमुख शाही स्नान होंगे। 29 जुलाई को, 1 अगस्त को और 12 अगस्त को।
हर 3 साल में आने वाले इस अतिरिक्त माह को कई लोग अधिक मास या पुरुषोत्तम मास में कहा करते हैं।
हिंदू धर्म के अनुसार यह प्राचीन मान्यता है कि इस दौरान सभी 33 करोड़ देवी-देवता राजगीर की पावन धरती में विराजमान होते हैं और लोगों का यह भी मानना है इस मलमास महीने में जो राजगीर आकर पूजा-अर्चना करता है उसे पुण्य और आनंद की प्राप्ति होती है । यही कारण है यहां पूरे 1 माह तक ब्रह्मकुंड में स्नान करने के लिए देश-विदेश के भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इस मौके पर यहां विश्व प्रसिद्ध राजगीर का मलमास मेला भी पूरे 1 माह तक लगातार चलते रहता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र राजा बसु के द्वारा राजगीर के गर्म कुंड परिसर में एक विशाल यज्ञ का आयोजन करवाया गया था जिसमें 33 करोड़ देवी-देवताओं को आने का निमंत्रण दिया गया था। जब वे सभी देवी-देवता गण एक साथ राजगीर पधारे तो उन सब को स्नानादि करने में परेशानी नहीं हो उसी को देखते हुए यहां 22 कुंड और 52 जल की धाराओं का निर्माण किया गया था। यज्ञ समाप्ति के पश्चात वे सभी धाराएं एवं कुंड लोक कल्याण हेतु संसार में छोड़कर वे चले गए और तब से अब तक यहां राजगीर में आकर ब्रह्म कुंड के जल में स्नान कर यहां स्थित विष्णु भगवान और अन्य तरह के मंदिरों में पूजा-अर्चना एवं दान-पुण्य करने की परिपाटी बनी हुई है।
इसके अलावा इस ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी राजगीर में कई युगपुरुष, अवतारी पुरुष और संत महापुरुष पधारे और उन्होंने इसे अपनी तपोस्थली, ज्ञान स्थली और उपदेश स्थली बनाई है। राजगीर के प्रथम पहाड़ विपुलागिरी में भगवान महावीर ने 12 साल तक मौन धारण करके साधना की थी। उसके बाद उनका पहला प्रवचन इसी पर्वत पर अहिंसा के विषय में हुआ था और भगवान बुध भी राजगीर के गृद्धकूट पर्वत पर महीनों-महीनों आकर रहा करते थे और उनका बेनुवन में प्रवचन भी हुआ करता था उन्होंने यहां एक से अधिक कई चौमासा भी बिताये थे। यहाँ उनके उपदेशों को लिपिबद्ध किया गया था और पहली बौद्ध संगति भी यहीं हुई थी। यह राजगीर के पांचवां पहाड़ वैभारगिरि के ऊपर सप्तपर्णी गुफा में हुआ था।इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण का भी यहां पदार्पण हुआ था, क्योंकि भीम और जरासंध का जो प्रसिद्ध मल युद्ध हुआ था वह स्थान राजगीर में जरासंध अखाड़ा के नाम से अब भी विद्यमान है, जिसके साक्षी भगवान श्रीकृष्ण स्वयं थे। यही कारण है कि इस प्रसिद्ध मलमास मेले में देश-विदेश से साधु महात्माओं का भी पदार्पण लाखों की संख्या में हुआ करता है, जिसमें बौद्ध मत एवं जैनमत के साधुओं की संख्या सर्वाधिक हुआ करती है।
अतः जो भी सत्संगी गन इस मौके पर राजगीर आना चाहें तो वे अपनी सुविधानुसार अपना गुरु महाराज का आश्रम महर्षि मेंही पुण्य धाम घूमने के लिए आ सकते हैं। इस आश्रम में संतमत के सभी साधुओं एवं सत्संगियों के लिए ठहरने एवं भोजन की समुचित व्यवस्था विशेष तौर पर की जाती है।
🎾 प्रेषक🎾
स्वामी आत्मशोधकजी महाराज
" महर्षि मेँहीँ पुण्य धाम"
ठाकुर स्थान- राजगीर , नालंदा ।
द्रष्टव्य - राजगीर रेलवे स्टेशन से 3 कि0 मी0 और राजगीर बस स्टैंड से 2 कि0 मी0 (पूरब-दक्षिण ) तथा राजगीर ब्रह्मकुंड से 1 कि0 मी0 ( पूरब ) ठाकुर स्थान मोहल्ले में आश्रम है। यहां आने के लिए टोटो की सुविधा हमेशा उपलब्ध रहती है।
सम्पर्क - 9430613018, 7004676982
गूगल मैप पर ( महर्षि मेंही पुण्य धाम ) सर्च करके भी उस लोकेशन के अनुसार आश्रम आ सकते हैं
August Satsang 2023 ई. || सर्वश्री स्वामी भगीरथ बाबा, वेदानंंद, योगानन्द, गुरु प्रसाद, व्यासानंद
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
5:34 am
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